कोरोना वायरस के खतरे के बीच चीन में रह रहे भारतीय छात्र और कुछ अन्य नागरिक शनिवार सुबह भारत वापस आ गए. एयर इंडिया के विशेष विमान से 324 भारतीय चीन से वापस लौटे हैं. इस बीच एक खबर यह आई है कि 6 भारतीयों को तेज बुखार होने के चलते वापस लौटने की इजाजत नहीं मिली है. ये लोग अभी भी वुहान में ही फंसे हुए हैं. वुहान कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित शहर है.
अधिकारियों ने बीजिंग में समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि छह भारतीय एयर इंडिया के विशेष उड़ान में नहीं जा सके क्योंकि उन्हें तेज बुखार है और इसका टेस्ट करने के बाद चीनी आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें भारत आने से रोक दिया. ये सभी चीन में पढ़ाई करने वाले छात्र हैं. इन सभी छह छात्रों को अब कई टेस्ट से गुजरना पड़ सकता है कि क्या उन्हें कोरोना वायरस का इनफेक्शन है या नहीं.
सघन टेस्ट के बाद जा सकेंगे स्वदेश
बीजिंग छोड़ने से पहले भारतीय दूतावास ने भारतीयों को बताया था कि उड़ान से पहले उनका टेस्ट किया जाएगा और भारत पहुंचने के बाद 14 दिन उचित उपचार से गुजरना होगा. 211 छात्रों, 110 कामकाजी लोगों और वुहान से तीन नाबालिगों को लेकर एयर इंडिया का विशेष विमान शनिवार सुबह लगभग 7.30 बजे दिल्ली पहुंचा. इस बीच वुहान प्रांत के हुबेई में फंसे बाकी भारतीयों को निकालने के लिए एयर इंडिया का दूसरा विमान बीजिंग पहुंचा है.
दिल्ली: कोरोना वायरस के अलर्ट के बीच बीजिंग से सहारनपुर लौटा MBBS छात्र
चीन में 259 लोगों की मौत
चीनी अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि कोरोना वायरस से अब तक 259 लोगों की मौत हो गई है और कुल 11,791 मरीजों का पता चला है. 21 जनवरी को इस वायरस की खबर मिली थी, जिसके बाद मरीजों में लगातार इजाफा देखा जा रहा है. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने अपनी डेली रिपोर्ट में कहा है कि शनिवार को 1795 मरीज गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं. जबकि शुक्रवार तक 17988 संदिग्ध लोग कोरोना वायरस के शिकार बताए गए. अब तक कुल 243 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. शुक्रवार को 2102 नए मामले सामने आए. इसके अलावा 5,019 लोग संदिग्ध बताए जा रहे हैं और 46 लोगों की मौत हुई है.
आईटीबीपी ने किया खास इंतजाम
इधर भारत सरकार ने चीन से आने वाले सभी भारतीयों को दिल्ली के छावला और हरियाणा के मानेसर कैंप में ठहराने का इंतजाम किया है. समाचार एजेंसी आईएएनएस ने स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बताया, "चीन से लौटे इन सभी लोगों को कम से कम दो सप्ताह तक बाकी भारतीय नागरिकों से अलग रखने का फैसला किया गया है." भारत सरकार के इसी फैसले के तहत चीन से लौट रहे सभी भारतीयों को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की बाहरी दिल्ली स्थित छावला की एक इमारत और हरियाणा के मानेसर में इंडियन आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विसेज के भवन में रखा गया है.